नशा करना तेजी से क्यों फैलता

सबसे बड़ी चिंता का विषय है कि मादक वस्तुओं का सेवन अब स्कूलों के विद्यार्थियों को अपनी चपेट में ले रहा है। आज बहुत से नशीले पदार्थ बाजार में आसानी से कम कीमत पर उपलब्ध हो रहे हैं। नतीजतन नशा करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है। नशीले पदार्थों की मांग अधिक होने के कारण उनका उत्पादन व पूर्ति भी तेजी से होती जा रही है…
नशाखोरी इस सदी की सबसे बड़ी समस्या है। देश में प्रतिदिन नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है और पिछले कुछ वर्षों से हमारे युवाओं में नशे की लत आज समाज और सरकार के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। युवा हमारी सबसे बड़ी शक्ति है और इसी आधार पर आज हम विश्व में एक बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं, लेकिन हमारे युवाओं के विरुद्ध हमारे पड़ोसी देश षड्यंत्र रच रहे हैं और हमारे युवाओं  को नशे की लत लगाकर उन्हें बेकार बनाया जा रहा है। सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि यह नशा हमारे पड़ोसी देशों द्वारा हमारे देश में भेजा जा रहा है और हमारी सरकार तथा प्रशासन इसमें पूरी तरह अंकुश लगाने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं। पंजाब जिसका जीता जागता उदाहरण है। वैसे भी नशा मनुष्य को अंदर से खोखला बना देता है। आज हमारे प्रदेश में नशीले पदार्थ की तस्करी व सेवन एक बड़ी समस्या बन गई है और इससे निपटने के लिए जांच एजेंसियों व अभियोजन पक्ष में बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। सबसे बड़ी चिंता का विषय है कि मादक वस्तुओं का सेवन अब स्कूलों के विद्यार्थियों को अपनी चपेट में ले रहा है। आज बहुत से नशीले पदार्थ बाजार में आसानी से कम कीमत पर उपलब्ध हो रहे हैं। नतीजतन नशा करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है। नशीले पदार्थों की मांग अधिक होने के कारण उनका उत्पादन व पूर्ति भी तेजी से होती जा रही है। तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, गुटका, खैनी, नशीली दवाइयां व शराब बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
शुरू में तो युवा शौक के तौर पर इन मादक वस्तुओं का सेवन करता है और बाद में नशे की मांग पूरी करने के लिए तस्करी और गैर सामाजिक कार्य के कारोबार में फंस जाता है। नशे की वजह से हमारी युवा पीढ़ी अपनी सोच समझ खो रही है और समाज व प्रशासन की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। पुलिस द्वारा मादक पदार्थ की सप्लाई करने के आरोप में पकड़े गए आरोपियों में ज्यादातर युवा शामिल हैं, जिनके बयानों से साबित होता है कि शुरू में उन्होंने मादक पदार्थ का सेवन शौक के लिए किया था और आदी होने पर वे इस गोरखधंधे में फंसते चले गए।
                 शराब है खराब
         नशा इंसानों के लिए नहीं है।
       यह तो इंसान से राक्षस बनाता है।

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